धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने में योगी सरकार असफल : प्रमोद तिवारी

धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने में योगी सरकार असफल : प्रमोद तिवारी

  •   Fakhre aalam
  •  2020-11-22 09:25:00
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लखलऊ - कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य तथा आउट रीच कमेटी के प्रभारी  प्रमोद तिवारी ने कहा है कि प्रदेश सरकार बार- बार अनुरोध करने के बावजूद भी किसानों को धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने में पूरी तरह असफल साबित हो रही है. किसान दलालों एवं बिचैलियों के हाथों 900- 1100 रुपये (नौ सौ से ग्यारह सौ रुपये ) प्रति किवंटल में धान बेंचने को मजबूर हो गया है, जबकि धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1868 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, और यह कोई चोरी छिपे नहीं हो रहा है बल्कि खुलेआम किसान के साथ यह लूट हो रही है । उत्तर प्रदेष सरकार खुलेआम चलने वाली इस लूट को क्यों नहीं रोकती ? और क्यों नहीं किसानों को उनका अधिकार दिलाती ?
श्री तिवारी ने कहा है कि बड़े- बड़े दावे तथा बड़ी- बड़ी बातें करने वाली प्रदेष सरकार के सामने किसानों के साथ खुलेआम यह लूट हो रही है, और प्रदेष सरकार इसे रोकने में पूर्णतः असफल है। प्रदेष सरकार दावे करती थी कि प्रदेष में इतना उत्पादन हुआ है?  इतना विक्रय होगा?   आखिर वे दावे कहांॅ हैं ? किसानों के हकों पर क्रय केन्द्रों की मिलीभगत से डाका डाला जा रहा है, जहांॅ पर कभी बोरे के नाम पर खरीददारी नहीं होती है, तो कोई अन्य बहाना बनाकर किसानों को दलालों और बिचैलियांे के हाथों धान बेंचने को मजबूर किया जाता है, और किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य ;डैच्द्ध रु. 1868 प्रति क्विंटल से काफी कम कीमत 900- 1100 रुपये (नौ सौ से ग्यारह सौ रुपये ) प्रति क्विंटल में धान बेंचने को मजबूर हो जाता है।
श्री तिवारी ने कहा है कि प्रदेष सरकार ने किसान और मध्यम वर्ग के खिलाफ बिजली विभाग को खुली लूट करने की छूट दे रखी है। स्मार्ट मीटर के नाम से जो मीटर लगाये गये हैं, वे ‘‘राजधानी एक्सपे्रस’’ की स्पीड से भाग रहे हैं, और बिजली खर्च की वास्तविक रीडिंग से कहीं अधिक रीडिंग शो कर रहे हैं जिसके कारण बिजली का बिल, वास्तविक बिल से कहीं अधिक आता है, और बिजली विभाग द्वारा इस तरह से लोगों के साथ लूट खसोट की जा रही है,  इसे तत्काल रोकना चाहिए।
बिजली के बकाये के नाम पर लोगों को परेषान किया जा रहा है, फर्जी कनेक्षन के नाम पर लोगों पर जुल्म ढाये जा रहे हैं, पूरे प्रदेष में छापेमारी की कार्यवाही जारी है, जिस तरह  बिजली के बिल की वसूली की जा रही है, और बिल न अदा करने पर लोगों के कनेक्षन काटे जा रहे हैं, तथा बिजली की आपूर्ति में कटौती की जा रही है- वह गम्भीर चिन्ता का विषय है । ‘‘षमन शुल्क’’ के नाम पर लोगों से दोगुना- तीन गुना पैसा लिया जा रहा है, यह पूरी तरह अन्यायपूर्ण है।
श्री तिवारी ने कहा है कि बकाये के नाम पर लोगों के कनेक्षन न काटे जायं, तथा भय एवं आतंक दिखाकर लोगों से वसूली न की जाय, और आम आदमी को 24 घण्टे बिजली उपलब्ध करायी जाय ।
श्री तिवारी ने कहा है कि एक बार फिर देष मंे कोरोना महामारी का संकट भयावह रूप धारण कर रहा है, 48 दिन बाद देष में संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या, ठीक होने वाले मरीजों की संख्या से अधिक हो रही है, ये गंभीर चिन्ता का विषय है और खतरनाक संदेष है।
 अतः मेरी विनम्र अपील है कि सामान्य जन स्वयं इस महामारी से अपने को अपने परिवार को बचाने का उपाय करें- क्योंकि केन्द्र सरकार और उत्तर प्रदेष सरकार बार- बार अनुरोध के बाद ही न तो कैष दे रही है और न ही प्रभावी सहायता ही कर रही है, मात्र जनता से स्वयं इस महामारी से बचने का प्रवर्चन दे रही है ।
इसलिये आग्रह है कि सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचे, आपस मेे दूरी बनाये रखें, सोषल डिस्टेंसिंग का पालन करें, और जब भी घर से बाहर निकलें तो मास्क लगाकर ही निकलें ।
 

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