भारत के सबसे खास पड़ोसी देशों में से एक बांग्लादेश के साथ संबंधों को नई उड़ान मिली है। दरअसल दोनों देशों के बीच संबंधों ने 50 वर्ष पूरे किए हैं और इस मौके पर एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया पड़ोसी देश के खास निमंत्रण पर वहां गए। इस 4 दिवसीय सद्भावना यात्रा पर आपसी सहयोग बढ़ाने के मामले पर चर्चा हुई।
बांग्लादेशी वायुसेना प्रमुख के निमंत्रण पर चार दिवसीय सद्भावना यात्रा पर बांग्लादेश गए एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने के लिए कई द्विपक्षीय वार्ताएं कीं। 1971 के मुक्ति संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि देकर उन्होंने अपने दौरे की शुरुआत की। उन्होंने बांग्लादेश एयर फ़ोर्स (बीएएफ) के प्रमुख परिचालन ठिकानों का भी दौरा किया। वायुसेना प्रमुख की इस यात्रा से दोनों देशों के पेशेवर संबंध और दोनों वायु सेनाओं के बीच दोस्ती के बंधन और मजबूत हुए हैं।
बीएन फॉरवर्ड बेस का दौरा
वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया 22 फरवरी को बांग्लादेश पहुंच गए थे। 23 फरवरी को 'शिखा अनिर्बान' (अनन्त लौ) पर माल्यार्पण किया और बांग्लादेश सशस्त्र बलों के उन बहादुरों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया था। इसके बाद उन्होंने भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बांग्लादेश एयर फ़ोर्स के जहरुल हक एयरबेस का दौरा किया, जहां उनका एयर कमांडिंग ऑफिसर ने स्वागत किया। सीएएस ने उड़ान इकाइयों का दौरा किया और बीएएफ एयरक्रू और कर्मियों के साथ बातचीत की। उन्होंने सेंट मार्टिन में बीएन फॉरवर्ड बेस का भी दौरा किया, जहां उनकी मेजबानी बांग्लादेश एयर फ़ोर्स के एयर कमांडिंग ऑफिसर ने की।
दोनों देशों के बीच संबंधों के 50 वर्ष पूरे होने बांग्लादेश की यात्रा पर गए एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने 24 फरवरी को बांग्लादेश के सेनाध्यक्ष जनरल अजीज अहमद से मुलाक़ात की और आधिकारिक तौर पर आपसी सहयोग के मामलों पर चर्चा की। 1971 के युद्ध के दौरान और उसके बाद दोनों ओर से सशस्त्र बलों ने मित्रता के मजबूत बंधन को स्वीकार करते हुए द्विपक्षीय सहयोग के मामलों को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। भारतीय वायु सेना प्रमुख बांग्लादेश के वायुसेना मुख्यालय भी गए और बांग्लादेशी वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल सिहुजाबामन सरबत से मुलाकात की।
आर के एस भदौरिया को गार्ड ऑफ ऑनर
दोनों देशों की वायु सेना के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा के बाद भदौरिया को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। दोनों प्रमुखों ने सहयोग में हुई महत्वपूर्ण प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और संबंधों को और बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। सीएएस को बांग्लादेश के डिफेन्स सर्विसेज कमांड एंड स्टाफ कॉलेज में 'मीरपुर हॉल ऑफ फ़ेम' में शामिल किया गया। वह रक्षा सेवा कमान और स्टाफ कॉलेज के गर्व के पूर्व छात्र हैं और 1997-98 में मीरपुर में 18वें एयर स्टाफ कोर्स में भाग लिया था।
वायुसेना प्रमुख ने अपने दौरे के तीसरे दिन गुरुवार को बांग्लादेश के एयर बेस मतीउर रहमान जशोर का दौरा किया जहां एओसी और एयरबेस के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। यह एयरबेस बांग्लादेश वायु सेना अकादमी का मुख्यालय है। एयरचीफ मार्शल भदौरिया को बीएएफए के प्रशिक्षण पैटर्न के बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद ऑफिसरों, जवानों और संकाय के साथ उनकी बातचीत हुई। वायुसेना प्रमुख ने आज अपने दौरे के आखिरी दिन 32 धानमंडी में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को श्रद्धांजलि दी। बांग्लादेश इस वर्ष राष्ट्रपिता की जन्मशती मना रहा है। उन्होंने आज अग्रगोण ढाका में लिबरेशन वॉर म्यूजियम का भी दौरा किया, जहां उन्हें पहली बार बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम का ऐतिहासिक इतिहास देखने का अवसर मिला।
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